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पटना के अस्पताल में गैंगस्टर चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या, 5 बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया

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अस्पताल में इलाज के दौरान गैंगवार का खूनी खेल

पटना के पारस अस्पताल में गुरुवार सुबह एक दिल दहला देने वाली वारदात घटी, जहां पांच हथियारबंद बदमाशों ने गैंगस्टर चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी। चंदन मिश्रा, जिन्हें चंदन सिंह के नाम से भी जाना जाता था, को 15 दिनों की पैरोल पर जेल से इलाज के लिए छोड़ा गया था और वह रूम नंबर 209 में भर्ती थे।


CCTV में कैद हुआ पूरा हत्याकांड

CCTV फुटेज में साफ़ देखा गया कि पांच युवक आराम से कॉरिडोर में चलते हुए आते हैं, अपनी शर्ट के नीचे से पिस्तौल निकालते हैं और सीधे चंदन के कमरे में घुसते हैं। चंदन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई जाती हैं और चंद सेकेंड में सभी भाग जाते हैं। चौकाने वाली बात यह है कि आखिरी में निकलने वाला एक शूटर बेहद ठंडेपन से बाहर निकलते हुए पास के कमरे में झांक रहे एक व्यक्ति को घूरता है।


गैंगवार में मारा गया कुख्यात अपराधी

चंदन मिश्रा के खिलाफ हत्या, बैंक डकैती और सोने की लूट समेत 20 से अधिक मामले दर्ज थे। वह इंटरस्टेट गोल्ड लुटेरा संतोष सिंह का करीबी सहयोगी बताया जाता है। वर्ष 2011 में व्यापारी राजेंद्र केशरी की हत्या में उसे दोषी पाया गया था। निचली अदालत ने पहले उसे फांसी की सजा दी थी, जिसे 2020 में पटना हाई कोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया था।


सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

घटना के बाद पटना पुलिस ने कहा कि इस एंगल की भी जांच की जा रही है कि कहीं सुरक्षा कर्मियों की मिलीभगत तो नहीं थी। आईजी जितेन्द्र राणा ने बताया कि शुरुआती जांच में यह टारगेटेड किलिंग प्रतीत हो रही है। इस वारदात से अस्पताल प्रशासन और आम जनता में दहशत फैल गई है।


फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वाड जांच में जुटे

पुलिस ने कहा है कि CCTV फुटेज की गहन जांच की जा रही है। रिसेप्शन, गेट और कॉरिडोर के कैमरे खंगाले जा रहे हैं। इसके साथ ही डॉग स्क्वाड और फॉरेंसिक टीम भी जांच में लगाई गई है।


हत्या से तीन दिन पहले ही छोड़ा गया था पैरोल पर

चंदन मिश्रा को बीउर जेल से 15 दिन की पैरोल पर छोड़ा गया था, जो 18 जुलाई को खत्म होनी थी। लेकिन उससे पहले ही वह गैंगवार का शिकार बन गया। चंदन की अपराध की दुनिया से दूरी संभव नहीं हो पाई और इलाज के दौरान ही उसका अंत हो गया।


Digital News Tak की ओर से निष्कर्ष:

गैंगवार का यह खौफनाक मंजर न सिर्फ बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि अस्पताल जैसे सुरक्षित स्थानों की सुरक्षा पर भी चिंता जताता है। क्या यह सिर्फ गैंग प्रतिशोध था या इसके पीछे बड़ी साजिश है? इसका खुलासा जांच के बाद ही हो सकेगा।

डिस्क्लेमर :

यह समाचार ‘Digital News Tak’ द्वारा विभिन्न मीडिया स्रोतों और आधिकारिक रिपोर्ट्स के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल सूचना देना है। हम किसी भी तरह की आपराधिक गतिविधियों का समर्थन नहीं करते हैं। संबंधित घटनाओं की जांच संबंधित एजेंसियों द्वारा की जा रही है और अंतिम निष्कर्ष जांच रिपोर्ट पर निर्भर करेगा। पाठकों से निवेदन है कि किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले आधिकारिक पुष्टि का इंतजार करें।

Prashant srivastava

प्रशांत श्रीवास्तव Digital News Tak के संस्थापक हैं, जो एक हिंदी समाचार प्लेटफॉर्म है। यह प्लेटफॉर्म देश-दुनिया की ताज़ा घटनाओं, मनोरंजन और अन्य विषयों पर समय पर और भरोसेमंद अपडेट प्रदान करता है।

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