असम राज्य में हाल ही की घटनाओं ने लोगों को चौंका दिया, क्योंकि Dead Snake ने कई घंटों बाद इंसानों को काटा।
लोगों को यह विश्वास करना कठिन लगा कि मरने के बाद भी सांप का जहर सक्रिय रह सकता है और काटने का असर दिखा।
शोधकर्ताओं ने इन घटनाओं का अध्ययन किया और नतीजों से पता चला कि मरे सांप भी कुछ समय तक काट सकते हैं।
यह खबर सामान्य लोगों के बीच डर और जागरूकता दोनों का कारण बनी, क्योंकि सांप से जुड़ी मान्यताएँ अक्सर भ्रमित करती हैं।

पहली घटना – कोबरा का कटा सिर और दर्दनाक काटने की कहानी
Dead Snake: शिवसागर जिले में एक व्यक्ति ने मुर्गियों पर हमला करते सांप को मार दिया और उसका सिर काट दिया।
जब उन्होंने सांप के सिर को हटाने की कोशिश की, तभी अचानक कटे सिर ने उनके अंगूठे पर ज़ोर से काटा।
व्यक्ति का अंगूठा काला पड़ गया, दर्द इतना बढ़ा कि उनके कंधों तक पहुँच गया और हालत गंभीर हो गई।
अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने तुरंत एंटी-वेनम दिया और समय रहते इलाज किया, जिससे वह पूरी तरह से बच गए।
यह घटना साबित करती है कि सांप का सिर कटने के बाद भी खतरनाक जहर बाहर निकल सकता है।
दूसरी घटना – ट्रैक्टर से कुचलने के बाद भी कोबरा ने हमला किया
इसी क्षेत्र में एक किसान ने ट्रैक्टर चलाते समय गलती से एक कोबरा को कुचलकर मार दिया।
कुछ घंटों बाद जब किसान ट्रैक्टर से नीचे उतरा तो मृत कोबरा ने अचानक उसके पैर में काट लिया।
जगह पर तुरंत सूजन आ गई और उन्हें उल्टियाँ होने लगीं, जिससे स्थिति और बिगड़ने लगी।
डॉक्टरों ने लगातार 25 दिन तक इलाज किया, एंटी-वेनम और दवाइयाँ दी गईं और आखिरकार किसान की जान बचाई गई।
यह घटना और भी हैरान करती है, क्योंकि कई घंटे बाद भी सांप का शरीर काटने की क्षमता रखता है।

तीसरी घटना – ब्लैक क्रेट का तीन घंटे बाद का काटना
कामरूप जिले में लोगों ने एक खतरनाक ब्लैक क्रेट को मारकर घर के पीछे फेंक दिया।
करीब तीन घंटे बाद एक व्यक्ति ने सांप को उत्सुकता में उठाया और अनजाने में उसके दाँत उंगली में गड़ गए।
शुरुआत में न दर्द था न सूजन, परिवार ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और व्यक्ति आराम से सो गया।
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लेकिन देर रात उनके शरीर पर न्यूरोटॉक्सिन का असर शुरू हुआ, घबराहट, सुन्नपन और दर्द ने उन्हें अस्पताल पहुँचाया।
छह दिनों तक इलाज के बाद वह व्यक्ति ठीक हुआ, लेकिन यह घटना सभी के लिए डरावनी चेतावनी बन गई।
Dead Snake काट सकता है – वैज्ञानिकों की राय और शोध निष्कर्ष
विशेषज्ञों का कहना है कि Snake Dead के बाद भी उसका नर्वस सिस्टम तुरंत बंद नहीं होता और रिफ्लैक्स क्रिया हो सकती है।
मरने के बाद भी ज़हर ग्रंथियाँ सक्रिय रहती हैं और दाँतों के दबाव से पूरा विष एक ही बार में निकल सकता है।
इसी वजह से लोग समझ नहीं पाते कि मृत सांप भी जहर इंजेक्ट कर सकता है और जानलेवा साबित हो सकता है।
यूनिवर्सल स्नेकबाइट रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने बताया कि यह खतरा खासकर ज़हरीले प्रजातियों में अधिक होता है।
फ्रंट-फैंग्ड सांप जैसे कोबरा, क्रेट और वाइपर मरने के बाद भी खतरनाक साबित हो सकते हैं और काटने का असर दिखाते हैं।
कौन से सांप मरने के बाद भी काट सकते हैं?
विशेषज्ञ बताते हैं कि रैटल स्नेक, कोबरा, ब्लैक क्रेट और रसेल वाइपर जैसी प्रजातियों में यह व्यवहार अधिक देखा जाता है।
ऑस्ट्रेलिया और चीन में भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जहाँ Dead Snake ने काटकर इंसानों को घायल किया।

भारत में भी कई वाइपर और कोरल स्नेक मरने के बाद काटने की घटनाओं के लिए जिम्मेदार पाए गए हैं।
यहाँ तक कि कुछ पानी में रहने वाले सांप भी मरने के बाद काटने जैसी हरकत दिखा सकते हैं।
इसलिए हर परिस्थिति में मरे हुए सांप को छूने से बचना चाहिए और विशेषज्ञों को सूचित करना चाहिए।
मरा हुआ सांप काट सकता है – सावधानियों की ज़रूरत और लोगों की समझ
कई बार लोग उत्सुकता में मरे हुए सांप को हाथ लगा देते हैं और गंभीर खतरे में पड़ जाते हैं।
वैज्ञानिक सलाह देते हैं कि चाहे सांप ज़िंदा दिखे या मृत, दोनों ही स्थिति में उसे छूना खतरनाक है।
अंधविश्वास के कारण लोग मृत सांपों को हाथ लगाते हैं, लेकिन यह आदत जानलेवा साबित हो सकती है।
तमिलनाडु में हरे सांप से जुड़े अंधविश्वास चलते हैं, पर विशेषज्ञों ने इसे पूरी तरह से खारिज किया है।
लोगों को समझना चाहिए कि सुरक्षा और जागरूकता ही असली समाधान है और लापरवाही भारी पड़ सकती है
मरा हुआ सांप काट सकता है – असम की घटनाओं से मिली चेतावनी
असम की इन घटनाओं ने यह साबित कर दिया कि मरा हुआ सांप काट सकता है और जानलेवा असर छोड़ सकता है।
डॉक्टरों ने भी कहा कि आम लोगों को जागरूक बनाना बेहद ज़रूरी है ताकि वे ऐसी गलती न करें।
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि ऐसे मामलों पर और शोध की ज़रूरत है, ताकि लोगों की जान सुरक्षित की जा सके।
यह घटनाएँ एक सीख देती हैं कि सांप चाहे ज़िंदा हो या मरा, हमेशा सावधानी और दूरी बनाकर रखना ही बुद्धिमानी है।
