उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का ज़िक्र करते हुए कहा – “जब खुली छूट मिली, तब हमारे शेरों ने दुश्मन की एक-एक पोस्ट को नेस्तनाबूद कर दिया। वो सिर्फ लड़ाई नहीं थी, वो हमारी मिट्टी की लाज, हमारे तिरंगे का सम्मान था।”
आँखें नम हो गईं जब उन्होंने कहा – “कारगिल की वो बर्फीली चोटियाँ आज भी हमारे जवानों के लहू से रंगी हुई हैं। हर सांस, हर कदम में बस वही गूंजता है – ‘जय हिंद, जय भारत’।”
यह विजय सिर्फ युद्ध की नहीं थी, यह आत्मबल, हौसले और मातृभूमि से प्रेम की जीत थी।
आज देश पूरे गर्व और सम्मान के साथ 26वां कारगिल विजय दिवस मना रहा है। इस अवसर पर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने द्रास की वीरभूमि से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा –
“हम उन अमर शहीदों के हमेशा ऋणी रहेंगे जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।”
उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का ज़िक्र करते हुए कहा –
“भारतीय सेना ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर एक निर्णायक और साहसिक जीत दर्ज की। यह सिर्फ सैन्य अभियान नहीं, बल्कि भारत की असली ताकत और संकल्प का प्रतीक था।”
- देश आज 26वां कारगिल विजय दिवस मना रहा है।
- पीएम मोदी ने वीर जवानों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश आज गर्व और श्रद्धा के साथ 26वां कारगिल विजय दिवस मना रहा है। इस खास अवसर पर देशभर के लोग उन अमर वीरों को नमन कर रहे हैं, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
इस बीच थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने द्रास में आयोजित 26वें कारगिल विजय दिवस समारोह को संबोधित किया।
भावुक लहजे में उन्होंने कहा –
“हम उन शहीद नायकों के सदैव ऋणी रहेंगे, जिन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी वीरता और बलिदान हमारी प्रेरणा का स्रोत हैं।”
ऑपरेशन सिंदूर पर क्या कहा?
इस समारोह के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बोलते हुए जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि इस अभियान में पाकिस्तान के आतंकी ढांचे को बेहद प्रभावशाली तरीके से निशाना बनाकर भारत ने एक निर्णायक जीत हासिल की।
उन्होंने आगे कहा,
“सरकार की ओर से सेना को जब पूरी छूट दी गई, तो भारतीय जवानों ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया। यह कार्रवाई हमारी सैन्य ताकत, रणनीतिक दक्षता और देश की सुरक्षा के प्रति अटूट संकल्प का प्रतीक थी।”
विडिओ: https://youtu.be/ckP6Sif1vD8
जनरल द्विवेदी ने कहा कि हमने पाकिस्तान में 9 महत्वपूर्ण ठिकानों को नष्ट कर दिया, बिना किसी निर्दोष को नुकसान पहुंचाए।

जनरल द्विवेदी ने किया जांबाजों को याद
26वें कारगिल विजय दिवस समारोह में जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भावुक शब्दों में वीरों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा –
“आज हम टाइगर हिल, तोलोलिंग और प्वाइंट 4875 जैसी ऐतिहासिक पहाड़ियों के सामने खड़े होकर उन रणबांकुरों के अदम्य साहस और बलिदान को याद कर रहे हैं, जिन्होंने हमारे आज के सुकून के लिए कल अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।”
उन्होंने कहा,
“1999 में ‘ऑपरेशन विजय’ के तहत भारत ने एक अभूतपूर्व जीत हासिल की। ऊंची पहाड़ियों पर कब्जा जमाए पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ कर वहां फिर से तिरंगा फहराया गया। यह जीत केवल भूभाग की नहीं, हमारी अखंडता और आत्मबल की थी।”
आगे बोलते हुए जनरल ने कहा,
“सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकी ढांचों को सटीकता से निशाना बनाते हुए एक निर्णायक जवाब दिया और पाकिस्तान के हिंसक मंसूबों को पूरी तरह नाकाम कर दिया।”
उन्होंने दो टूक कहा –
“हमने पहले शांति का अवसर दिया, लेकिन जब पाकिस्तान ने कायरता दिखाई, तो हमने उसका जवाब पूरी ताकत और साहस के साथ दिया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत का संकल्प, स्पष्ट संदेश और ठोस प्रतिक्रिया है।”
भारत की अखंडता से खेलने वालों को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब!”
यह रहा आपका री-राइट किया हुआ टेक्स्ट, अधिक स्पष्ट, प्रभावशाली और समाचार शैली में:
भारत की संप्रभुता से खिलवाड़ करने वालों को मिलेगा करारा जवाब: जनरल उपेंद्र द्विवेदी
थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने एक स्पष्ट संदेश देते हुए कहा है कि भारत की संप्रभुता, अखंडता और नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वाली ताकतों को अब कड़ा और सटीक जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह भारत का नया सामान्य है। हम एक विकसित, आधुनिक और भविष्य की ओर बढ़ती सैन्य शक्ति बनने की दिशा में अग्रसर हैं।”
जनरल द्विवेदी ने जानकारी दी कि सेना में एक नई ब्रिगेड की स्थापना की जा रही है, जिसकी मंजूरी उन्होंने हाल ही में दी है। यह ब्रिगेड मशीनीकृत पैदल सेना, बख्तरबंद इकाइयों, तोपखाने, रसद, लड़ाकू समर्थन और विशेष बलों जैसे रणनीतिक घटकों से लैस होगी। उन्होंने कहा, “विशेष बल भी तैनात किए गए हैं, जो सीमा पर किसी भी घुसपैठ या हमले का तुरंत जवाब देने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि इस नई सैन्य संरचना से हमारी ताकत कई गुना बढ़ जाएगी और यह 2047 तक एक विकसित भारत के विजन को साकार करने में एक बड़ा कदम होगा।
जनरल द्विवेदी ने यह भी रेखांकित किया कि सेना लद्दाख जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास कार्यों में भी अपना सक्रिय योगदान दे रही है।
(इनपुट: पीटीआई और एएनआई)
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