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भारत ने एक साल में 20.5 अरब डॉलर का मोबाइल निर्यात करते हुए दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्यातक देश बनने का दर्जा हासिल किया है।

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मोबाइल फोन उद्योग में भारत ने अपनी पहचान को एक नए स्तर पर पहुंचाया है। पिछले एक साल में 20.5 बिलियन डॉलर के मोबाइल फोन का निर्यात कर भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्यातक देश बन गया है। इस सफलता में वैश्विक बाजार में भारत की बढ़ती भागीदारी और PLI योजना की अहम भूमिका रही है।

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्यातक देश

आज भारत में करोड़ों लोग मोबाइल फोन का उपयोग कर रहे हैं। एक दौर ऐसा भी था जब देश में मोबाइल फोन विदेशों से आयात किए जाते थे, जिससे इनकी कीमतें काफी ज्यादा होती थीं और आम लोगों की पहुंच से बाहर थीं। लेकिन बीते एक दशक में भारत ने मोबाइल उद्योग में अपनी छवि पूरी तरह बदल दी है।

देश में मोबाइल फोन का स्थानीय स्तर पर निर्माण शुरू होने के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्यातक देश बन गया है। खास बात यह है कि साल 2024 में भारत ने 20.5 बिलियन डॉलर मूल्य के मोबाइल फोन निर्यात किए हैं। यह जानकारी Centre for Development Studies (CDS) की एक रिपोर्ट में सामने आई है।

PLI स्कीम से मिला लाभ

सीडीएस के निदेशक सी. विरामणी के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में यह सामने आया है कि भारत ने मोबाइल क्षेत्र में वर्ष 2017 से तेज़ी से प्रगति करनी शुरू की थी। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई Production Linked Incentive (PLI) योजना ने देश में स्थानीय स्तर पर मोबाइल फोन निर्माण को काफी बढ़ावा दिया। इस नीति के चलते भारत में मोबाइल उत्पादन को नई रफ्तार मिली और निर्यात के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई।

पहले कितना निर्भर था भारत

रिपोर्ट के अनुसार, साल 2014-15 में भारत मोबाइल फोन की घरेलू मांग को पूरा करने के लिए मुख्य रूप से आयात पर निर्भर था। लेकिन 2024-25 में भारत ने 20 बिलियन डॉलर के मोबाइल फोन निर्यात किए, जो कि 2017-18 में मात्र 0.2 बिलियन डॉलर के निर्यात की तुलना में बेहद अधिक है। रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि 2018-19 से भारत के मोबाइल निर्यात में तेज़ वृद्धि देखी गई है, जो कि देश की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण संरचनात्मक बदलाव को दर्शाता है।

कितने लाख लोगों को मिला रोजगार 

भारत में मोबाइल निर्माण में वृद्धि के चलते लाखों लोगों को रोजगार के नए अवसर मिले हैं। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022-23 तक देश में 17 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हुआ है, जिससे यह क्षेत्र रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

भविष्य के लिए क्या हैं संकेत

सीडीएस की रिपोर्ट भविष्य की दिशा को भी स्पष्ट संकेत देती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मोबाइल निर्माण कंपनियों को एक ठोस औद्योगिक रणनीति अपनाकर आगे बढ़ना चाहिए। साथ ही, टैरिफ और व्यापार से जुड़ी चुनौतियों का समाधान निकालने और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए यह रिपोर्ट मार्गदर्शक साबित हो सकती है।

रिपोर्ट यह भी बताती है कि अगर लॉजिस्टिक अवसंरचना में सुधार किया जाए, तो इससे व्यापार में और अधिक लाभ मिल सकता है। इसके अलावा, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को भी नीति में प्राथमिकता मिलनी चाहिए, क्योंकि भारत में मोबाइल निर्माण का बड़ा हिस्सा विदेशी कंपनियों द्वारा संचालित है।

इन कंपनियों द्वारा मोबाइल फोन भारत में निर्मित कर न केवल घरेलू मांग पूरी की जाती है, बल्कि इन्हें विदेशों में भी निर्यात किया जाता है। मौजूदा समय में मोबाइल निर्माण क्षेत्र में चीनी कंपनियों का दबदबा है, जबकि कुछ दक्षिण कोरियाई कंपनियां भी प्रमुख भूमिका निभा रही हैं। हालांकि भारत की कुछ स्थानीय कंपनियां भी इस क्षेत्र में सक्रिय हैं, लेकिन उनके मोबाइल फोन की मांग विदेशी ब्रांड्स की तुलना में अभी भी कम है।

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Vipin Sharma

विपिन शर्मा डिजिटल न्यूज तक के आधिकारिक समाचार लेखक हैं, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर सटीक और समय पर अपडेट प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। वे अपने दर्शकों को नवीनतम घटनाओं से जोड़े रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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