मुंबई में पिटबुल हमला: मासूम की जान से खेल बना मनोरंजन!
मुंबई से सामने आया एक दिल दहला देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक पिटबुल कुत्ता एक छोटे बच्चे की तरफ आक्रामकता से झपटता दिखाई देता है, जबकि उसका मालिक यह सब देखकर हंस रहा है। वीडियो देखकर हर कोई गुस्से और चिंता में है, क्योंकि इसमें साफ दिखता है कि कैसे एक पिटबुल हमला करते-करते बस बाल-बाल बचा।

वीडियो में बच्चा डर के मारे चीख रहा है, रोते हुए लगातार कह रहा है, “प्लीज इसको दूर करो।” लेकिन मालिक को जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ता। वह हंसता रहता है, जैसे यह कोई मजाक हो। पिटबुल दो-तीन बार बच्चे को काटने की कोशिश करता है, लेकिन गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
पिटबुल कुत्ते की खतरनाक प्रवृत्ति, फिर भी बेपरवाही क्यों?
पिटबुल को दुनियाभर में एक आक्रामक और शक्तिशाली नस्ल के तौर पर जाना जाता है। यह नस्ल अगर उकसाई जाए या ठीक से ट्रेन न की जाए, तो जानलेवा साबित हो सकती है। भारत में हाल के वर्षों में पिटबुल हमले की घटनाएं काफी बढ़ी हैं। कई बार पालतू पिटबुल ने अपने मालिकों, पड़ोसियों या बच्चों पर हमला कर दिया है।
फिर भी लोग सिर्फ शौक और दिखावे के लिए इस नस्ल को पाल रहे हैं। सबसे खतरनाक बात यह है कि इन खतरनाक जानवरों को सार्वजनिक जगहों पर बिना जंजीर या मुंह पर मuzzle लगाए ले जाया जा रहा है।

पुलिस की चुप्पी पर सवाल, सोशल मीडिया पर गुस्सा
इस वायरल वीडियो को लेकर ट्विटर (अब एक्स) पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। यूज़र्स पूछ रहे हैं कि मुंबई पुलिस छोटी-छोटी बातों पर तुरंत एक्शन लेती है, तो फिर इतने गंभीर और संवेदनशील मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?
पिटबुल हमला जैसे मामले में कानून की सख्ती बेहद जरूरी है, क्योंकि यह किसी की जान से खिलवाड़ है। कई बार तो लोग पिटबुल को हथियार की तरह इस्तेमाल करते हैं, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को डराने के लिए।
देश में पहले भी हो चुके हैं जानलेवा पिटबुल हमले
यह पहली बार नहीं है जब पिटबुल हमला हुआ हो। पिछले कुछ वर्षों में देश के अलग-अलग हिस्सों से पिटबुल के हमले की खबरें आती रही हैं:
दिल्ली में एक बुजुर्ग महिला को उसके खुद के बेटे के पिटबुल ने मार डाला था।
लखनऊ में पिटबुल के काटने से एक 10 साल का बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया था।
पंजाब में एक बच्चे की जान पिटबुल के हमले में चली गई थी।
इन घटनाओं के बावजूद प्रशासन द्वारा कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई है। न ही पिटबुल पालने वालों पर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश लागू किए गए हैं।
क्या पिटबुल पर बैन लगाना चाहिए?
कई देश जैसे यूके, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में पिटबुल नस्ल के कुत्तों को या तो पूरी तरह से बैन किया गया है या उन्हें पालने के लिए विशेष परमिट की जरूरत होती है। भारत में भी इस पर गंभीर बहस होनी चाहिए।
जब पिटबुल हमला जैसी घटनाएं बार-बार सामने आती हैं और जान-माल का खतरा बना रहता है, तो यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या इस नस्ल को भारत में रखने की इजाजत दी जानी चाहिए?
निष्कर्ष: एक बच्चे की सुरक्षा से ज्यादा जरूरी क्या?
मुंबई की यह घटना महज एक वीडियो नहीं है, बल्कि एक चेतावनी है। क्या हम इतनी लापरवाह हो गए हैं कि बच्चों की जान से भी खेल रहे हैं? क्या सिर्फ सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए हम किसी मासूम की ज़िंदगी को खतरे में डाल सकते हैं?
पुलिस को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और ऐसे लोगों को कानून के कठघरे में लाना चाहिए जो पिटबुल हमला जैसे हादसों को मजाक समझते हैं। साथ ही सरकार को भी ऐसी खतरनाक नस्लों पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
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