
Donald Trump और China के बीच चल रहे आरोप-प्रत्यारोप में अफगानिस्तान के Bagram Airbase का नाम बार-बार सामने आता है। ट्रंप ने कई बार दावा किया है कि अमेरिका को यह एयरबेस नहीं छोड़ना चाहिए था क्योंकि अब यह चीन के नियंत्रण में है।
बगराम एयरबेस: क्यों है इतना महत्वपूर्ण?
बगराम एयरबेस अफ़ग़ानिस्तान के परवान प्रांत में स्थित है, जो काबुल के उत्तर में है। यह अफ़ग़ानिस्तान का सबसे बड़ा और सबसे सशक्त सैन्य अड्डा रहा है। अमेरिका के तीन राष्ट्रपतियों – जॉर्ज डब्ल्यू बुश, बराक ओबामा, और डोनाल्ड ट्रंप – ने इस बेस का दौरा किया है।
यह बेस 77 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और 10,000 से अधिक सैनिकों को एक साथ रखने की क्षमता रखता है। इसके 2 रनवे, जिनमें से एक 2.5 किलोमीटर से लंबा और 2 मीटर मोटा कंक्रीट रनवे है, इसे विश्व के सबसे मज़बूत एयरबेस में शामिल करता है।

बगराम और चीन का दावा: ट्रंप की चिंता
डोनाल्ड ट्रंप बार-बार कहते रहे हैं कि बगराम एयरबेस अफगानिस्तान से ज़्यादा चीन के लिए अहम है। उनका दावा है कि यह एयरबेस “सिर्फ़ एक घंटे की दूरी” पर है उस जगह से, जहां चीन परमाणु हथियार बना रहा है।

सच क्या है?
विशेषज्ञों और सैटेलाइट डेटा के मुताबिक, बगराम से चीन के लोप नूर (Lop Nur) परमाणु परीक्षण क्षेत्र की दूरी लगभग 2,000 किलोमीटर है। यह दूरी ज़मीन के रास्ते से एक घंटे में पूरी नहीं की जा सकती, लेकिन हवाई मार्ग से एक हाई-स्पीड जेट (जैसे SR-71 Blackbird) द्वारा संभव है।
सैटेलाइट इमेज में क्या दिखता है?
सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज़ (CSIS) की विशेषज्ञ जेनिफर जोन्स द्वारा विश्लेषण की गई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है:
- 2020 में: बगराम एयरबेस पर दर्जनों अमेरिकी जहाज और कंटेनर दिखे।
- 2022 के बाद: तालिबान के नियंत्रण में आने के बाद, तस्वीरों में कोई सक्रिय जहाज नहीं दिखा।
- 2025 की ताज़ा तस्वीरें: रनवे अच्छी हालत में हैं लेकिन कोई सैन्य गतिविधि साफ़ तौर पर नहीं दिख रही।
जोन्स के अनुसार यह भी संभव है कि जहाजों को छुपाया गया हो या सैटेलाइट इमेज लिए जाने के समय कोई गतिविधि नहीं हो रही थी।

क्या चीन बगराम एयरबेस पर काबिज़ है?
अब तक कोई पुख़्ता सबूत नहीं है कि चीन बगराम एयरबेस का इस्तेमाल कर रहा है। ट्रंप के दावों पर जब बीबीसी ने व्हाइट हाउस से सवाल किया तो कोई जवाब नहीं मिला। वहीं, तालिबान और चीन दोनों ने इस तरह के दावों को खारिज कर दिया है।
हालांकि, चीन और तालिबान के बीच दोस्ताना संबंध हैं और ऐनक तांबे की खदान में दोनों देश साझेदारी कर चुके हैं। चीन का अफ़ग़ानिस्तान में एकमात्र सक्रिय राजदूत भी मौजूद है।
अमेरिका की रात में वापसी और तालिबान की परेड
अमेरिकी सेना ने जुलाई 2021 में रात के अंधेरे में बगराम एयरबेस को चुपचाप खाली किया, बिना अफ़ग़ान सरकार को बताए। तब से तालिबान ने इस बेस पर सैन्य परेड और समारोहों का आयोजन किया है, जिसमें अमेरिकी छोड़े गए हथियार और सैन्य संसाधनों का उपयोग किया गया।

निष्कर्ष (Conclusion):
- Bagram Airbase रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है।
- Trump का दावा कि चीन ने बगराम एयरबेस पर कब्ज़ा कर लिया है – अब तक असिद्ध है।
- Satellite imagery यह दिखाता है कि बगराम में कोई बड़ी विदेशी सैन्य गतिविधि नहीं हो रही।
- China-Afghanistan के बीच बढ़ते रिश्ते ज़रूर चिंता का विषय हैं, लेकिन बगराम पर कब्ज़ा अभी भी एक राजनीतिक बयानबाज़ी ही लगता है।
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1 thought on “बगराम एयरबेस: ट्रंप का चीन से कनेक्शन और अफ़ग़ानिस्तान का सबसे अहम सैन्य अड्डा”