---Advertisement---

बिहार में चुनाव आयोग की ये प्रक्रिया सवालों के घेरे में क्यों?

By
On:
Follow Us
Bihar Election – फोटो : अमर उजाला

बिहार में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों और चुनाव आयोग के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज़ हो गया है।

इसका कारण है स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न (एसआईआर) — एक ऐसी प्रक्रिया जिसे चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को सुधारने के लिए शुरू किया है। आयोग का कहना है कि यह एक नियमित अभ्यास है, जिसका उद्देश्य वोटर लिस्ट से डुप्लीकेट नाम, मृत व्यक्तियों के नाम और गलत पते वाले नामों को हटाना है।

लेकिन विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया के ज़रिए चुनाव से ठीक पहले लाखों नाम हटाए जा रहे हैं, जो कि खास समुदायों और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को निशाना बनाने की साज़िश हो सकती है।

अब इस प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं:
क्या सभी लोगों के पास अपने दावे साबित करने के लिए जरूरी दस्तावेज़ हैं?
क्या सरकारी अधिकारी दूर-दराज़ के इलाकों तक पहुंच पा रहे हैं?
यह प्रक्रिया पहले क्यों नहीं की गई?
और जो बड़ी संख्या में प्रवासी बिहार से बाहर रहते हैं, वे कैसे सुनिश्चित करेंगे कि उनका नाम मतदाता सूची में बना रहे?
क्या हर वर्ग के पास वैध दस्तावेज़ हैं?

इन सवालों के बीच एसआईआर को लेकर बहस तेज हो गई है और यह चुनावी माहौल को गरमा रही है।

Vipin Sharma

विपिन शर्मा डिजिटल न्यूज तक के आधिकारिक समाचार लेखक हैं, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर सटीक और समय पर अपडेट प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। वे अपने दर्शकों को नवीनतम घटनाओं से जोड़े रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

For Feedback - feedback@example.com

Related News

1 thought on “बिहार में चुनाव आयोग की ये प्रक्रिया सवालों के घेरे में क्यों?”

Leave a Comment