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टैरिफ की धमकी पर ट्रंप से टकराए लूला, अमेरिका और ब्राज़ील के संबंधों में बढ़ा तनाव

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ट्रंप के ताज़ा टैरिफ़ वाले फ़ैसले का ब्राज़ील ने कड़ा विरोध किया है

टैरिफ़ के मसले पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला डा सिल्वा के बीच टकराव की स्थिति बन गई है।

ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ब्राज़ील पर 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के फैसले का तीखा विरोध किया है। उन्होंने इसे ब्राज़ील की संप्रभुता और न्यायिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला करार दिया।

अपने बयान में लूला ने ट्रंप के इस कदम को “भेदभावपूर्ण हस्तक्षेप” बताया और कहा कि यह ब्राज़ील की लोकतांत्रिक संस्थाओं में बाहरी दखलंदाज़ी का प्रयास है।

ट्रंप द्वारा 1 अगस्त से ब्राज़ील पर टैरिफ लगाने की घोषणा के जवाब में लूला ने भी स्पष्ट किया कि ब्राज़ील अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाएगा।

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ट्रंप और लूला में तीखी बहस क्यों?

पूर्व ब्राज़ीलियाई राष्ट्रपति ने 2019 में ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिका का दौरा किया था

पिछले हफ्ते ब्राज़ील के रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स देशों की बैठक आयोजित हुई थी, जिसके बाद से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ब्रिक्स देशों से नाराज़ नज़र आ रहे हैं।

ट्रंप ने इसके बाद भारत समेत सभी ब्रिक्स सदस्य देशों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ़ लगाने की घोषणा की। उन्होंने ब्रिक्स को “अमेरिका विरोधी गठबंधन” बताया और कहा कि जो भी देश ब्रिक्स की नीतियों को अपनाएगा, उसे इस टैरिफ़ का सामना करना होगा।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने सोमवार को ट्रंप को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा, “उन्हें समझना चाहिए कि दुनिया बदल चुकी है। हम किसी सम्राट की हुकूमत नहीं चाहते।”

ट्रंप ने इसके बाद ब्राज़ील सरकार पर पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो के ख़िलाफ़ ‘विच हंटिंग’ यानी राजनीतिक बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया। बोल्सोनारो पर 2022 के चुनाव को पलटने की कथित साज़िश के लिए मुकदमा चल रहा है।

इस आरोप पर लूला ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए किसी भी तरह की बाहरी दखलअंदाज़ी को सिरे से खारिज किया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा:

“ब्राज़ील में लोकतंत्र की रक्षा करना ब्राज़ील के लोगों का अधिकार और कर्तव्य है। हम एक संप्रभु राष्ट्र हैं और किसी बाहरी ताकत की निगरानी को स्वीकार नहीं करते। हमारे पास मज़बूत और स्वतंत्र संस्थाएं हैं, और क़ानून से ऊपर कोई नहीं — खासतौर पर वे नहीं जो आज़ादी और लोकतंत्र पर हमला करते हैं।”

परमाणु हथियार किसके पास हैं और उन्हें ये कैसे हासिल हुए?

ट्रुथ सोशल पर हाल ही में साझा किए गए एक पत्र में डोनाल्ड ट्रंप ने ब्राज़ील पर कड़ा हमला बोला और कहा कि पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो के साथ जिस तरह का बर्ताव किया गया है, वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्राज़ील के लिए शर्मनाक है।

गौरतलब है कि ट्रंप और बोल्सोनारो के बीच अच्छे रिश्ते रहे हैं। दोनों नेताओं ने अपने कार्यकाल के दौरान 2019 में व्हाइट हाउस में मुलाकात भी की थी। वर्तमान में बोल्सोनारो 2023 में अपने समर्थकों के साथ सरकारी इमारतों पर हमले के आरोपों का सामना कर रहे हैं। इस वक्त वह अमेरिका में रह रहे हैं और आरोपों से इनकार करते रहे हैं।

बोल्सोनारो को लेकर ट्रंप की टिप्पणी पर ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने स्पष्ट किया कि तख्तापलट की साज़िश में शामिल लोगों के खिलाफ चल रही कानूनी कार्रवाई पूरी तरह ब्राज़ील की न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र में आती है।

ट्रंप ने ब्राज़ील पर यह भी आरोप लगाया कि वह अमेरिकी टेक कंपनियों को निशाना बना रहा है। इस पर लूला ने जवाब दिया,
“ब्राज़ील में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं कि कोई हिंसा या गाली-गलौज करे। हमारे देश में चाहे कोई भी कंपनी हो — देशी या विदेशी — उसे हमारे कानूनों का पालन करना होगा, तभी वह यहाँ कारोबार कर सकती है।”

ट्रंप ने अपने पत्र में यह भी दावा किया कि अमेरिका को ब्राज़ील के साथ व्यापार में घाटा हो रहा है। लूला ने इस दावे को तथ्यों के खिलाफ बताते हुए एक्स पर लिखा:
“खुद अमेरिकी सरकारी आंकड़े दिखाते हैं कि बीते 15 वर्षों में अमेरिका ने ब्राज़ील के साथ माल और सेवा व्यापार में कुल 410 अरब डॉलर का लाभ कमाया है।”

लूला ने साथ ही यह भी चेतावनी दी कि अगर अमेरिका की ओर से कोई भी एकतरफा टैक्स या टैरिफ़ बढ़ाया गया, तो ब्राज़ील भी उसके जवाब में उचित कदम उठाएगा।

गौरतलब है कि ट्रंप पहले भी ब्रिक्स देशों को 100 प्रतिशत टैरिफ़ लगाने की धमकी दे चुके हैं।

ट्रंप और लूला के बीच विवाद

| ट्रंप ब्रिक्स को अमेरिका विरोधी मंच के रूप में देखते हैं और अतीत में ब्रिक्स देशों पर 100 फ़ीसदी टैरिफ़ लगाने की धमकी दे चुके हैं

इस साल की शुरुआत में डोनाल्ड ट्रंप ने ब्राज़ील से आयात होने वाले स्टील और एल्युमिनियम पर 25 प्रतिशत टैरिफ़ लगाने की घोषणा की थी। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज कराने का ऐलान किया।

जापान यात्रा के दौरान टोक्यो में लूला ने कहा था, “हम दो कदम उठाएंगे: एक, डब्ल्यूटीओ में अपील करेंगे, जो निश्चित रूप से किया जाएगा, और दूसरा, अमेरिकी उत्पादों पर उच्च टैरिफ लगाएंगे। हम इस मामले में चुप नहीं बैठ सकते।”

हालांकि लूला सरकार के मंत्री अलेक्जेंडर पाडिल्हा ने यह भी स्पष्ट किया कि ब्राज़ील किसी तरह के व्यापार युद्ध को बढ़ावा नहीं देता और न ही उसमें शामिल होना चाहता है।

ट्रंप ने अपने बयानों में कई बार वैश्विक नेताओं और देशों पर तीखी टिप्पणियां की हैं, जिसे लूला ने ब्राज़ील की संप्रभुता का उल्लंघन बताया। उन्होंने खास तौर पर ट्रंप की उस नीति की आलोचना की जिसमें वे दूसरे देशों को व्यापार या कूटनीति के मामलों में धमकाने की कोशिश करते हैं।

लूला लंबे समय से ब्राज़ील को ब्रिक्स और अन्य दक्षिण अमेरिकी संगठनों में एक मज़बूत और स्वतंत्र आवाज़ के रूप में पेश करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसे ट्रंप की एकतरफा और आक्रामक व्यापार नीतियों के विरुद्ध संतुलन कायम करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

ट्रंप ने जहां अप्रैल में 10 प्रतिशत टैरिफ़ लगाने की बात कही थी, वहीं हाल ही में उन्होंने इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया — जो ब्राज़ील की स्टॉक मार्केट में गिरावट और कई बड़ी कंपनियों के शेयरों के मूल्य पर नकारात्मक असर डालने वाला कदम साबित हुआ।

लूला ने इस निर्णय को “तथ्यहीन और अनुचित” बताते हुए जवाबी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी। उन्होंने पहले भी स्पष्ट किया था कि “व्यापार युद्ध में किसी को जीत नहीं मिलती।”

Vipin Sharma

विपिन शर्मा डिजिटल न्यूज तक के आधिकारिक समाचार लेखक हैं, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर सटीक और समय पर अपडेट प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। वे अपने दर्शकों को नवीनतम घटनाओं से जोड़े रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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