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एयर इंडिया प्लेन क्रैश की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट को लेकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया की क्या प्रतिक्रिया है?

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अहमदाबाद विमान हादसे में कम से कम 260 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है

अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे पर एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) ने अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनी हुई है और विभिन्न वैश्विक मीडिया संस्थानों ने इसकी व्यापक कवरेज की है।

शुरुआती जांच में सामने आया कि विमान क्रैश से कुछ ही सेकंड पहले दोनों इंजनों के ‘फ्यूल कट ऑफ स्विच’ बंद हो गए थे, जिससे ईंधन की आपूर्ति रुक गई और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। रिपोर्ट में इस स्थिति को ‘बेहद दुर्लभ’ करार दिया गया है।

दुनियाभर के मीडिया संस्थानों ने इस रिपोर्ट को प्रमुखता दी है। अधिकतर ने पायलटों और फ्यूल कंट्रोल स्विच के बीच हुई बातचीत को प्रमुख जांच बिंदु के रूप में रेखांकित किया है।

ब्रिटिश समाचार संस्था द टेलीग्राफ़ ने पायलट की बातचीत को अपनी रिपोर्ट में खास तौर पर उजागर किया है, जबकि न्यूयॉर्क टाइम्स, द गार्डियन और फाइनेंशियल टाइम्स ने उड़ान के दौरान प्रक्रियात्मक चूक, पायलट प्रशिक्षण में खामियों और फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) की एडवाइजरी पर फोकस किया है।

Source Image: BBC

‘स्विच ग़लती से बंद नहीं हो सकते’

अमेरिकी न्यूज़ चैनल सीएनएन ने रिपोर्ट किया है कि भारत में हुए विमान हादसे से ठीक पहले इंजनों को ईंधन की आपूर्ति रुक गई थी।

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सीएनएन ने विमान हादसे के तकनीकी पहलुओं पर रिपोर्ट करते हुए सुरक्षा विश्लेषक डेविड सूसी के हवाले से बताया कि फ्यूल स्विच इस तरह डिज़ाइन किए जाते हैं कि उन्हें केवल जानबूझकर ही चालू या बंद किया जा सके। उन्होंने कहा, “ऐसे मामले बेहद दुर्लभ होते हैं जब सभी फ्यूल स्विच गलती से बंद हो जाएं।”

सूसी ने यह भी बताया कि पिछले कुछ वर्षों में इन स्विचों को इस तरह उन्नत किया गया है कि वे न तो अनजाने में चालू हों और न ही बंद।

इस विमान के मुख्य पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल थे, जिनके पास 8200 घंटे की उड़ान का अनुभव था, जबकि उनके साथ फ़र्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर थे, जिनके पास 1100 घंटे की उड़ान का अनुभव था।

ब्रिटेन के अखबार द टेलीग्राफ़ ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर आधारित खबर का शीर्षक दिया: “जानलेवा हादसे से ठीक पहले एयर इंडिया के पायलट ने पूछा था – फ्यूल की सप्लाई क्यों बंद हुई?”

अख़बार ने यह भी लिखा कि अमेरिकी अधिकारियों में ब्लैक बॉक्स का डेटा डाउनलोड करने, उसका विश्लेषण करने और जानकारी साझा करने की धीमी प्रक्रिया को लेकर असंतोष है।

रिपोर्ट में एविएशन सेफ़्टी इन्वेस्टिगेटर डेविड ली का बयान भी शामिल किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा, “जांच में यह समझने की कोशिश की जाएगी कि क्या किसी पायलट ने जानबूझकर ऐसा किया, क्या यह गलती से हुआ, या फिर फ्यूल स्विच में कोई इलेक्ट्रॉनिक या इलेक्ट्रिकल खराबी थी।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि कुछ मामलों में इन स्विचों में लॉक होने की समस्या देखी गई है, और यह पहलू भी जांच में शामिल होगा।

‘पायलट फ्यूल स्विच बंद करने की गलती नहीं करेगा’

रॉयटर्स समाचार एजेंसी ने अमेरिका के एविएशन सुरक्षा विशेषज्ञ जॉन कॉक्स से बातचीत की, जिनके अनुसार फ्यूल कट-ऑफ स्विच और उनसे जुड़े फ्यूल वॉल्व अलग-अलग पावर सिस्टम और वायरिंग से संचालित होते हैं।

एक अन्य अमेरिकी एविएशन सेफ्टी एक्सपर्ट, जॉन नैंस ने रॉयटर्स से कहा, “कोई भी प्रशिक्षित पायलट उड़ान के दौरान फ्यूल स्विच बंद नहीं करेगा।”

क़तर स्थित मीडिया संस्थान अल जज़ीरा ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के हवाले से बताया कि “पिछले महीने टेकऑफ़ के तुरंत बाद क्रैश हुए एयर इंडिया विमान के इंजन के फ्यूल कंट्रोल स्विच टकराने से ठीक पहले ‘रन’ से ‘कट-ऑफ’ पोजीशन में चले गए थे।”

अल जज़ीरा ने रिपोर्ट में एक बड़ी चूक की ओर इशारा करते हुए लिखा, “प्रारंभिक रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट में स्विच ‘कट-ऑफ’ पोजीशन में कैसे चला गया।”

न्यूयॉर्क टाइम्स ने जांच से सामने आई जानकारियों का विश्लेषण करते हुए प्रक्रिया से जुड़ी खामियों, कॉकपिट में हुई बातचीत और सुरक्षा से जुड़े अहम सवालों को उजागर किया है।

इस रिपोर्ट की हेडलाइन है: “एयर इंडिया विमान के टकराने से पहले फ्यूल की सप्लाई बंद हो गई थी।”

हालांकि अख़बार ने यह भी जोड़ा कि अभी जांच पूरी नहीं हुई है और पूरी तस्वीर सामने आनी बाकी है।

एएआईबी की रिपोर्ट के अनुसार, कॉकपिट रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता है, “तुमने फ्यूल क्यों बंद किया?” जवाब मिलता है, “मैंने नहीं किया।”

न्यूयॉर्क टाइम्स लिखता है, “फ्यूल स्विच में सेफ्टी लॉक होता है, जिससे वे गलती से बंद नहीं हो सकते—इसका मतलब है कि उन्हें इंसानी हस्तक्षेप से ही बंद किया गया होगा, चाहे जानबूझकर हो या अनजाने में।”

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि तकनीकी खराबी, विमान से छेड़छाड़ या फ्यूल की गुणवत्ता से जुड़ी समस्याएं फिलहाल जांच में खारिज कर दी गई हैं।

इसके साथ ही बताया गया, “एफएए ने 2018 में फ्यूल स्विच को लेकर चेतावनी जारी की थी, लेकिन तब इसे गंभीर जोखिम के तौर पर नहीं देखा गया था। फिलहाल जांच जारी है और अंतिम निष्कर्ष आना अभी बाकी है।”

40 सेकेंड से भी कम समय में विमान हादसे का शिकार हो गया था

प्रारंभिक जांच में क्या खुलासा हुआ?

पिछले महीने हुए एयर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट शनिवार को विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) द्वारा जारी की गई।

15 पन्नों की इस रिपोर्ट के अनुसार, विमान के दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच टेकऑफ़ के तुरंत बाद कट-ऑफ पोजीशन में चले गए थे।

कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट दूसरे से पूछते सुना गया, “तुमने कट-ऑफ क्यों किया?” इसके जवाब में दूसरा पायलट कहता है, “मैंने नहीं किया।” हालांकि, रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि किस आवाज़ का संबंध किस पायलट से है।

उड़ान के समय विमान को को-पायलट उड़ा रहे थे, जबकि कैप्टन निगरानी की भूमिका में थे।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि उड़ान से पहले पायलटों और क्रू का मेडिकल टेस्ट किया गया था ताकि उनकी उड़ान के लिए फिटनेस सुनिश्चित की जा सके।

दोनों पायलट मुंबई के रहने वाले थे और उड़ान से एक दिन पहले अहमदाबाद पहुंचे थे, जहां उन्हें पूरा आराम मिला था।

एयर इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रही है।

इस दुखद हादसे में विमान और ज़मीन पर मौजूद मिलाकर कम से कम 260 लोगों की जान गई, जबकि केवल एक यात्री — ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश — सुरक्षित बच पाए।

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Vipin Sharma

विपिन शर्मा डिजिटल न्यूज तक के आधिकारिक समाचार लेखक हैं, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर सटीक और समय पर अपडेट प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। वे अपने दर्शकों को नवीनतम घटनाओं से जोड़े रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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